
Anupama Written Update 8 August 2023 Episode: मालती देवी नकुल से समर और डिंपी का वेतन बढ़ाने के लिए कहती हैं। नकुल कहता हैं कि उन्हें अभी एक महीना भी नहीं हुआ है। मालती देवी कहती है कि वह उन्हें वेतन वृद्धि, बोनस और उपहारों का लालच देना चाहती है और पेसो के दम पर उन्हें अपना गुलाम बनाना चाहती है।
वनराज ये सब सुन लेता है और ताली बजाते हुए वह एंट्री लेता है और कहता हैं कि छोटे कलाकार तो स्टेज से गिरते है, लेकिन मालती देवी एक महान कलाकार हैं जो आंखों से गिर गई; उनकी प्रतिभा बड़ी है, लेकिन उनका दिल बहुत छोटा है। उसने एक मां के प्यार को अपराध में बदल दिया और जब वह अनुपमा को नुकसान नहीं पहुंचा सकी, तो वह उसके बच्चों को निशाना बना रही है।
मालती देवी वनराज से पूछती हैं कि वह यहां क्यों आया है । वनराज कहता है कि वो जिस लड़के को मोहरा बना रही है, उसकी मां तो सीधी-सादी है, लेकिन पिता बहुत टेड़ा है; भले ही अनुपमा उसकी साजिश को गुस्सा मानती है, लेकिन वह उसके गुस्से को साजिश ही मानता है। वह उसे चेतावनी देता है कि यदि उसने उसके परिवार में आग लगाने की कोशिश की, तो वह उसका नाम, पहचान और गुरुकुल जला देगा और अनुपमा को थोड़ा भी नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए वरना वह उसकी लंका को नष्ट कर देगा।
कपाड़िया हाउस में अनुज, बरखा और अंकुश को सुबह-सुबह लड़ाई बंद करने के लिए कहता है। तभी अनुपमा को मालती देवी का वौइस् मैसेज मिलता है , मैसेज में मालती देवी पूछती हैं कि जब उन्होंने अनुपमा की माफ़ी स्वीकार नहीं की तो उन्हें धमकी देने के लिए उसने अपने पेहले पति को भेजने की हिम्मत कैसे हुई, वह उन्हें और उनके पूर्व पति दोनों को करारा जवाब देगी।
अनुज अनुपमा से पूछता है कि वनराज मालती देवी के पास क्यों गया। अनुपमा परेशान होकर कहती है कि कोई भी कुछ सुनना नहीं चाहता, पर अब बहुत हुआ , अब उसे जो करना है वो वही करेगी।
शाह हाउस में समर वनराज से पूछता है कि वह मालती देवी से मिलने क्यों गया था। वनराज कहता है कि वह एमडी को बर्बाद कर देगा।
डिंपी कहती है कि वह उन्हें नहीं बल्कि हमारा कॅरिअर बर्बाद कर देंगे। वनराज समर को चेतावनी देता है कि वह अपनी पत्नी का मुंह बंद रखे, अब बहुत हो गया।
अनुपमा अनुज के साथ शाह हाउस में प्रवेश करती है और कहती है कि वास्तव में अब बहुत हो गया। वह वनराज से पूछती है कि उसने मालती देवी को धमकी क्यों दी, जब वे पहले से ही मुसीबत में है तो वह और अधिक मुसीबत क्यों पैदा कर रहा है। तभी समर बीच में कहता है कि वह भी यही कह रहा था। अनुपमा समर से कहती है कि जाओ और अपनी नई कार में बैठो और एसी की ठंडी हवा खाओ यह रहोगे तो डांट खाओगे। डिम्पी कहती है हमारी बात भी तो सुनो तभी लीला कहती है कि अगर डिंपी उसकी सांस को टोकेगी तो वो उसे जोरदार तमाचा मारेगी।
वनराज कहता है कि अगर मालती देवी उनके परिवार को परेशान करने की कोशिश करेगी तो वह चुप नहीं बैठेगा। अनुपमा कहती है कि वह मालती देवी को धमकी देकर मामले को और खराब कर रहे हैं। वनराज कहता है कि यह पहले ही खराब हो चुका है, ये मूर्ख समर और डिंपी अब मालती देवी के लिए काम करने लगे है, दोनों भाइयो में लड़ाई शुरू हो गई हैं, और डिम्पी और ज्यादा बद्तमीज हो गई है, इसलिए वह चुप नहीं रह सकता।
लीला कहती है कि समर और डिम्पी ने अपनी आत्मा मालती देवी को गिरवी रख दी है और जब हम मालती देवी के बारे में कुछ भी बात करते हैं तो वे गुर्राने लगते हैं। अनुपमा उन्हें चेतावनी देती है कि वे मालती देवी के प्रति वफादार रहें, लेकिन अपने परिवार के साथ विश्वासघात न करें। समर बोलने की कोशिश करता है, तो अनुपमा उसे चुप करवा देती है। तभी डिंपी कहती है कि उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए।
अनुपमा कहती है कि उसने उससे बहुत कुछ सुन रखा है और अगर उसके बच्चे उसके जितनी जुबान चलते तो वो जोर का थप्पड़ मारती; वह एक बहु है और उसे अपनी शालीनता बनाए रखनी चाहिए। वह कहती हैं कि भले ही मालती देवी अपना रास्ता भटक गई हों, लेकिन वह उनकी गुरुमां हैं।
लीला पूछती है तो क्या हुआ? हसमुख कहता है कि अनुपमा ने लीला की हरकते सहन की, तो क्या गुरुमाँ की सेहन नहीं कर सकती।
अनुपमा कहती है कि जब कोई उस पर पत्थर फेंकता है तो वह जवाब में पत्थर नहीं फेंक सकती, वह मामले को अपने तरीके से संभाल लेगी कोई और हस्तक्षेप नहीं करेगा। फिर वह उनके लिए नाश्ता तैयार करने के लिए रसोई में जाती है।
काव्या अनुपमा के पास किचन में जाती है और उससे कहती है कि उसने वनराज से बात करने की कोशिश की, लेकिन वह बात करने के लिए तैयार नहीं है। अनुपमा उससे पूछती है कि अगर मिस्टर शाह ने उसे चोट पहुंचाई होती तो क्या वो उन्हें माफ करती। काव्या कहती है नहीं।
वो आगे कहती है कि उसने घर छोड़ने की भी कोशिश की, लेकिन वनराज ने उसे रोक दिया; वह घर नहीं छोड़ना चाहती, लेकिन वनराज की नफरत बर्दाश्त नहीं कर सकती।
अनुपमा ने उसे मिस्टर शाह के शांत होने तक इंतजार करने और तब तक कोशिश करते रहने का सुझाव दिया, जैसे वह गुरुमाँ से माफ़ी पाने की कोशिश कर रही है।
काव्या कहती है कि वह वनराज को खोना नहीं चाहती। अनुपमा कहती है कि वह जानती है। काव्या अनुपमा से आगे पूछती है कि वह मालती देवी को कैसे संभालेगी। अनुपमा कहती है कि अब तक वह अपने बच्चों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही मालती देवी को बर्दाश्त कर रही है, लेकिन अगर गुरुमां ने अपनी सीमा लांघी, तो वह सम्मान खो देगी।
गुरुकुल में डिंपी मालती देवी से मिलती है। मालती देवी कहती है कि 35 साल में किसी ने उन्हें धमकी देने की हिम्मत नहीं की, लेकिन वनराज ने आज उन्हें धमकी देने की हिम्मत की। डिंपी कहती है कि वह खुद अपने ससुराल वालों के नाटक से थक गई है और अनुपमा के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर देती है और कहती है कि अनुपमा को बचाने की कोशिश में माया की मौत हो गई, लेकिन सभी ने इसे पुलिस और छोटी से छुपाया।
कपाड़िया हाउस में रोमिल अपने मोबाइल में देखते हुए चलता है और पाखी से टकराता है और उससे माफी मांगता है। अधिक पाखी को गिरने से संभालता है और रोमिल पर गुस्सा करता है। उनकी लड़ाई शुरू हो जाती है।
पाखी बरखा और अंकुश को बुलाती है जो आकर उनकी लड़ाई रोकते हैं। अंकुश अधिक को अपने बेटे से दूर रहने की चेतावनी देता है।
और रोमिल से अपने साथ चलने के लिए कहता है , रोमिल बेरहमी से अंकुश से अपना हाथ छुड़ाता है और चला जाता है।
अधिक पाखी से कहता है कि वो सबको बता नहीं सकती थी कि रोमिल कि गलती थी ,पाखी कहती है कि यह उसकी भी गलती है क्योंकि चलते समय उसने भी नहीं देखा। बरखा कहती है कि अधिक ने उसके लिए लड़ाई की, लेकिन वह रोमिल का समर्थन कर रही है।
मालती देवी छोटी अनु से मिलने जाती है और उसे यह बताने की कोशिश करती है कि माया की मौत अनुपमा की वजह से हुई थी। तभी अनुपमा वह आ जाती है और छोटी को अंदर जाने को कहती है।
वह अपने गुरु के साथ दुर्व्यवहार के लिए भगवान से माफी मांगती है और मालती देवी को कोसती है कि एक छात्र गुरु के गलत कामों को बर्दाश्त कर सकता है लेकिन एक मां इसे कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती।
PRECAP: अनुपमा मालती देवी को चेतावनी देती है कि वह उसके बच्चों पर नज़र डालने की हिम्मत न करे अन्यथा वह सारी सीमाएं भूल जाएगी।